जानलेवा हो सकता है धड़ल्ले से एंटीबायोटिक लेना
डायरिया होने का खतरा, स्थिति गंभीर होने पर जानलेवा हो जाती है बीमारी
नई दिल्ली, प्रेट्र : आम लोग यही मानते हैं कि एंटीबायोटिक दवाओं का कोई खास नुकसान नहीं है। इसलिए वे जरा-सी सर्दी-जुकाम या मामूली दर्द होने पर भी एंटीबायोटिक ले लेते हैं। लेकिन ऐसा करना जानलेवा हो सकता है। एक अध्ययन से यही बात सामने आई है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि अलग-अलग बीमारियों के लिए एंटीबायोटिक दवाएं लेने वाले 15 फीसदी मरीजों को डायरिया हो गया। यह डायरिया एंटीबायोटिक से जुड़े डायरिया के रूप में जाना जाता है और एक खास जीवाणु 'क्लोस्टि्रडियम डिफीसाइल' के चलते होता है। एम्स में माइक्रोबायोलाजी विभाग की प्रोफेसर रमा चौधरी के अनुसार यह बीमारी गंभीर होने पर जानलेवा भी हो सकती है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि अलग-अलग बीमारियों के लिए एंटीबायोटिक दवाएं लेने वाले 15 फीसदी मरीजों को डायरिया हो गया। यह डायरिया एंटीबायोटिक से जुड़े डायरिया के रूप में जाना जाता है और एक खास जीवाणु 'क्लोस्टि्रडियम डिफीसाइल' के चलते होता है। एम्स में माइक्रोबायोलाजी विभाग की प्रोफेसर रमा चौधरी के अनुसार यह बीमारी गंभीर होने पर जानलेवा भी हो सकती है।
अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार रोगी को सही जांच के बाद और जरूरी होने पर ही एंटीबायोटिक दवा देनी चाहिए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एंटीबायोटिक के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता फैलाने की भी जरूरत है। यह जागरूकता न केवल मरीजों में, बल्कि केमिस्टों, नर्सो और कम जानकारी वाले डाक्टरों के बीच भी फैलानी चाहिए।
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