Saturday, 26 January 2013

सर्दी-जुकाम-खासी को ऐसे दें शिकस्त


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सर्दी-जुकाम-खासी को ऐसे दें शिकस्त
सर्दियों का मौसम आम तौर पर स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है, किंतु यदि आप कफ विकार से ग्रस्त है तो इससे आप सर्दियों के पूरे मौसम में जुकाम-खासी व सांस रोग से परेशान हो सकते हैं। प्रस्तुत हैं, इन तकलीफों से निजात पाने के उपाय
-ठडा पानी या ठडे पेय लेने के बजाय गुनगुना पानी पिएं। अदरक डालकर सब्जियों का सूप पिएं।
-तेज भूख लगने पर ही भोजन करे, क्योंकि कम भूख या भूख के बगैर भोजन लेने से हाजमा सही नहीं होगा और कफ बनेगा।
-गेहू के आटे में चौथाई या आधी मात्रा में चने का आटा मिलाकर रोटी बनाएं। यदि चावल खाना है, तो उसमें काली मिर्च, तेज पत्ता आदि गर्म मसाला मिलाएं।
-भोजन खूब चबाकर करें और भूख से थोड़ा कम खाएं।
-कब्ज न रहने दें। इसके लिए प्रात: गर्म पानी पीकर व्यायाम करने के बाद शौच जाएं।
-दिन में तीन से चार बार सरसों का या बादाम का तेल 4-5 बूंद नाक में डालकर कफ निकालें।
-नासिका क्षेत्र में मैग्नेट का साउथ पोल 5 मिनट तक घुमाने से साइनोसाइटिस में लाभ मिलता है।
-पीठ की ओर से गर्म पानी की थैली से सुबह शाम सेंक करने से फेफड़ों की सर्दी बहुत जल्दी दूर हो जाती है।
सावधानिया
-रात को बायीं करवट सोएं।
-कानों में ठडी हवा का झोंका न लगे, इसके लिये कान में रुई लगाए रखें।
-अगर आप 'जलनेति' करते हैं, तो उसके बाद विरेचन प्राणायाम करे।
-खुले पैर घास में न टहले।
-ठंडे खाद्य व पेय पदार्थ ग्रहण न करें।

वैज्ञानिकों ने खोजा एड्स का इलाज


Scientists discovered cure AIDS
वैज्ञानिकों ने खोजा एड्स का इलाज
मेलबर्न। ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक एड्स का प्रभावी इलाज खोजने का दावा किया है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि एचआइवी वायरस के एक प्रोटीन में परिवर्तन करके इसके विकास को नियंत्रित किया जा सकता है। शोधकर्ता डेविड हैरिक के मुताबिक वायरस के प्रोटीन में बदलाव करके इसके घातक संक्रमण से बचा जा सकेगा। हैरिक ने बताया कि यह लोहे को लोहा काटने वाली धारणा पर आधारित है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह परिवर्तित प्रोटीन एचआइवी का कारगर इलाज नहीं है लेकिन प्रयोगशाला परीक्षण के दौरान पाया गया कि यह मानव कोशिकाओं को एड्स से सुरक्षित रखता है। हैरिक के मुताबिक इस चिकित्सा को एड्स के संभावित इलाज के तौर पर देखा जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया में करीब 30 हजार लोग एचआइवी संक्रमित हैं। यदि क्लिनिकल परीक्षण सफल रहा तो बहुत सी दवाओं की जगह केवल एक प्रोटीन से एड्स का इलाज किया जा सकेगा। पशुओं पर इसका परीक्षण इसी साल शुरू होने की उम्मीद है।