त्वचा शरीर का सबसे बड़ी अंग प्रणाली है। यह सख्त
और नमनशील है और अपने नीचे के ऊतकों को हवा,
पानी, विदेशी पदार्थों और बैक्टीरिया से
बचाती है। यह चोट के प्रति संवेदनशील है और उसमें
अपनी मरम्मत करने की उल्लेखनीय क्षमता है।
बहरहाल, अपनी इस लोच के बावजूद त्वचा लंबे समय
तक दाब, अत्यधिक बल या घर्षण बरदाश्त नहीं कर
सकती।
त्वचा पर लगातार दाब त्वचा को पोषण और
आक्सीजन आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं
को निचोड़ देता है। जब त्वचा को बहुत समय तक
रक्त नहीं मिलता है तो ऊतक मर जाते हैं और एक
प्रेशर अल्सर बनता है।
प्रेशर अल्सर लकवाग्रस्त व्यक्ति के जीवनकाल में पेश
आने वाली एक प्रमुख जटिलता है। यह आकलन
किया गया है कि मिसाल के तौर पर
रज्जुमज्जा चोट वाले तीन में से एक व्यक्ति में चोट
आने के बाद के शुरुआती दिनों में प्रेशर सोर
हो जाता है जबकि 50 प्रतिशत और 80 प्रतिशत में
बाद में होता है। प्रेशर सोर से बचा जा सकता है
लेकिन यह उन लोगों में भी हो जा सकता है जिन्हें
बढि़या सेवा और अच्छे उपकरण दिए गए हैं। इन सोर
को ठीक होने में अकसर ढेर सारा समय, धन और
सेवा की जरूरत पड़ती है; प्रेशर सोर की वजह से
महीनों बिस्तर पर पड़े रहना पड़ सकता है, खास कर
तब जब यह आपरेशन के कारण हुआ हो। इसमें
हजारों डॉलर खर्च हो सकते हैं और इसमें
आपकी नौकरी, स्कूल या परिवार का मूल्यवान
समय खर्च हो सकता है।
प्रेशर सोर, प्रेशर अल्सर, बेड सोर, डेकुबिटी और
डेकुबाइटस अल्सर शब्द हैं जो त्वचा के एक क्षेत्र के
नष्ट होने को परिभाषित करते हैं जहां अत्यधिक
दाब या बल का प्रयोग हुआ हो। यह स्थिति एक तरह
से त्वचा और उसके नीचे के विभिन्न ऊतकों को हुई
क्षति है।
दाब के चलते त्वचा क्षति आम तौर पर शरीर में
वहां होती है जहां हड्डी त्वचा की सतह के बहुत
निकट होती है, जैसे कूल्हे। हड्डी के ये उभरे हुए हिस्से
त्वचा पर अंदर से दबाव डालते हैं। अगर बाहर भी कोई
सख्त सतह हो तो त्वचा प्रवाह से कट जाती है।
चूंकि प्रवाह की दर लकवा के कारण घट
चुकी होती है, त्वचा तक आक्सीजन कम पहुंचता है
और त्वचा का प्रतिरोध घटा देता है। शरीर
इसकी भरपाई क्षेत्र में अधिक रक्त भेज कर करने
की कोशिश करता है। इससे सूजन हो सकती है जिससे
रक्त वाहिकाओं पर और भी दबाव बढ़ सकता है और
त्वचा का स्वास्थ्य और भी खतरे में पड़ सकता है।
त्वचा पर फोड़ा का मतलब कई हफ्तों तक अस्पताल
में भर्ती रहना या बिस्तर पर आराम
करना हो सकता है ताकि फोड़ा ठीक हो सके।
जटिल प्रेशर सोर में आपरेशन या त्वचा के प्रतिरोपण
की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
किसको होता है प्रेशर सोर? किसी को भी प्रेशर
सोर हो सकता है अगर वह लंबे समय तक एक
ही मुद्रा में रहे जिससे शरीर के किसी खास हिस्से में
जबरदस्त दाब पड़े, और उनमें पूरी गतिशीलता वाले
लोग भी शामिल हैं। व्हीलचेयर पर या बिस्तर पर रहने
वाले लोगों को खास तौर पर हो सकता है
क्योंकि उन्हें अपनी मुद्रा बदलने में दिक्कत होती है,
या बिना किसी सहायता के भार दूसरी तरफ
नहीं डाल सकते। जब सीमित गतिशीलता के साथ
क्षीण संवेदना के संयोग होने पर
किसी व्यक्ति को प्रेशर सोर होने
की आशंका ज्यादा होती है क्योंकि वह यह समझ
नहीं पाता कि कब दबाव हटाने के लिए भार बदले।
संवेदना की कमी बस कहानी का एक ही हिस्सा है।
ट्रॉमा या रोग से संबंधित लकवा त्वचा के
जैवरसायन को ही प्रभावित करता है। मिसाल के
तौर पर, त्वचा को तनन शक्ति प्रदान करने वाले
कोलाजेन जैसे प्रोटीनों का खासा क्षरण होता है;
यह त्वचा को कमजोर और कम तन्य बनाता है।
कालप्रभाव की प्रक्रिया भी त्वचा के फटने
की प्रक्रिया बढ़ा सकती है। ज्यदा उम्र के लोगों में
प्रेशर सोर होने का खतरा ज्यादा होता है।
शरीर के हड्डी वाले उभरे हुए हिस्से (कूल्हे, तलवे और
कुहनी, टेलबोन और इश्चियम) के गिर्द
की मांसपेशियों के उपयोग नहीं किए जाने से
मांसपेशी का क्षरण (एट्रोफी) होता है जिससे
त्वचा के टूटने का खतरा बढ़ता है।
घर्षण का बल या कतरना -- किसी सतह के हिसाब
से त्वचा ऊतकों को घसीटा जाना, जैसे बिस्तर
या कुर्सी में खींचे जाने से रक्तवाहिकाएं फैल
या मुड़ जाती हैं जिससे प्रेशर अल्सर हो जाता है।
उठाने की जगह किसी सतह पर खिंचे जाने से छीलन
या खराश आ जा सकती हैं। कोई ठोकर लगने
या गिरने से त्वचा को क्षति पहुंच सकती है जो ऐसे
नहीं दिखेगी। प्रेशर सोर कपड़ों, बंधनों या सख्त
वस्तुओं से भी हो सकती है जो आपकी त्वचा पर
दबाव डालती हैं। साथ ही, सीमित संवेदना वाले
लोग जलने से त्वचा क्षति के शिकार हो सकते हैं।
अत्यधिक आद्रता भी ऐसे लोगों में प्रेशर सोर होने
का कारण जो सकते हैं जिन्हें पसीना बहुत
निकलता है और/या जो व्यवभिचारी हैं।
पोषण: खराब पोषण किसी व्यक्ति के समग्र
स्वास्थय के लिए खतरा बनता है, लेकिन लकवाग्रस्त
व्यक्ति में प्रेशर सोर के विकास होने और उसके बहुत
धीमी रफ्तार से ठीक होने का खतरा होता है।
शरीर को त्वचा को स्वस्थ रखने,
किसी क्षति को दुरूस्त करने और संक्रमणों से लड़ने के
लिए प्रोटीन और विटामिन जैसे विभिन्न
पोषकों की आवश्यकता पड़ती है। पोषक तत्वों से
वंचित शरीर की प्रेशर सोर जैसी जटिलताओं को दूर
रखने की क्षमता सीमित होती है।
वजन की समस्यास: सामान्य से ज्यादा वजन वाले
लोगों में प्रेशर सोर होने
का खतरा ज्यादा होता है; सामान्य से कम वजन
वाले लोगों के लिए भी ज्यादा खतरा होना संभव
है। सामान्य से ज्यादा वजन वाले व्यक्ति के लिए
अतिरिक्त वजन शरीर को त्वचा के संवेदनशील हिस्से
पर दाब बढ़ाने के लिए बाध्य करता है। मांसपेशी और
बॉडी मास को आप पैड की तरह सोच सकते हैं,
उसकी कमी तनाव के प्रति त्वचा को कम
लचीला बनाती है।
प्रेशर सोर के खतरों को बढ़ाने वाले अन्य कारकों में
खराब स्वास्थ्य, डिहाइड्रेशन, खराब साफ-सफाई,
धूम्रपान, एनिमिया, डायबीटीज जैसी गंभीर
बीमारियां, संवहनी रोग, मस्तिष्क-संस्तम्भता,
खराब उपकरण, नशाखोरी और अवसाद शामिल हैं।
चिकित्सा साहित्य बताता है कि अवसादग्रस्त
लोग त्वचा स्वास्थ्य जैसे अपनी देखरेख के महत्वपूर्ण
मुद्दों के प्रति कम सजग होते हैं।
प्रेशर सोर के प्रकार: प्रेशर सोर को उनकी गहराई
और आकार और ऊतक
स्तरों को क्षति की गंभीरता के आधार पर चार
चरणों में श्रेणीबद्ध किया गया है। ये चरण हैं: चरण 1
(आरंभिक लक्षण), चरण 2 (फफोले और कभी-
कभी मूंह खुलना या अल्सर), चरण 3 (क्षति ऊतक के
अंदर गहराई तक पैठ जाती है) और चरण 4
(क्षति मांसपेशी तथा हड्डी तक)।
चरण 1: लगभग हमेशा कोई प्रेशर सोर त्वचा पर एक
लाल धब्बे की तरह शुरू होता है। यह लाल
इलाका सख्त और/या गरम महसूस हो सकता है।
काली या सांवली चमड़ी वाले लोगों को यह
इलाका चमकीला या औसत से ज्यादा गहरा प्रतीत
होगा। इस चरण में ऊतकों में टूट दुरुस्त
की जा सकती है; जैसे ही दाब
हटाया जाएगा त्वचार सामान्य स्थिति में लौट
जाएगी।
देखरेख: दाब के किसी भी स्रोत को हटाएं।
प्रभावित क्षेत्र को गरम पानी से साफ करें और
सुखा रखें। जब तक इसका रंग बदला रहे, इससे
किसी तरह का भी दाब हटा कर त्वचा को पूर्ण
बहाली का मौका दें। अगर प्रेशर सोर बैठने वाले
इलाके में हो, व्यक्ति को जहां तक संभव हो बैठने से
परहेज करना चाहिए। कारण जानने के लिए बैठने और
बिस्तर समर्थन प्रणाली का पूरा मुआइना करें। ढेर
सारा तरल लें, आराम करें और संतुलित एवं पोषक
आहार लें। त्वचा को साफ और
सूखा रखना नहीं भूलें। और अपनी त्वचा का बार-
बार मुआइना करें। अगर कुछ दिनों में प्रेशर सोर ठीक
नहीं हुआ या और बिगड़ गया तो अपने डाक्टर से
संपर्क करें।
चरण 2: प्रेशर सोर ने कोई फफोला या खुरंड
बना दिया है और/या त्वचा की सतह में उसका मुंह
खुलना शुरू हो गया हो। संभवत: कुछ मवाद
भी निकलने लगा हो। इसका मतलब है कि उसके नीचे
के ऊतक के मरने की शुरूआत हो गई है। अगतर तुरंत दाब
नहीं हटाया गया और त्वचा क्षेत्र पर ध्यान
नहीं दिया गया तो प्रेशर सोर बहुत तेजी के साथ
एक खतरनाक स्तर तक बढ़ जाएगा जहां संक्रमण
हड्डी पर हमला कर सकता है और आपके स्वास्थ्य के
लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
देखरेख: क्षेत्र से तमाम दाब हटा दें। अपने डाक्टर से
संपर्क करें। घाव को साफ और शुष्क रखें और
त्वचा का बार-बार मुआइना करें। स्वास्थ्य
सेवा प्रदाता के निर्देशों का पालन करें जिसमें घाव
भरने के लिए विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्र को नमक
घोल से साफ करने और विशेष पट्टी बांधने
को कहा जाता है।
चरण 3: प्रेशर सोर के इस चरण तक मृत ऊतक में छिद्र
या अल्सर बन जाता है। क्षत ऊतक सबक्युटेनस
या त्वचा ऊतक के तीसरे तह तक पहुंच जाता है और
उसके बाद हड्डी तक भी पहुंच सकता है।
देखरेख: चरण 1 और 2 के निर्देशों का ही पालन करें।
आम तौर पर इस चरण में विशेषज्ञता वाले इलाज
की जरूरत पड़ती है। इसमें अकसर डिब्राइडमेंट
या आपरेशन से मृत ऊतकों को निकालने और घाव से
बाहरी पदार्थ हटाने की आवश्यकता पड़ती है। इसके
बाद की देखरेख में विशेष पैकिंग एजेंट, मेडिकेटेड
क्रीम, एंटी बायटिक्स दवाएं और दाब हटाने के लिए
और भी विशेष प्रकार के बैठने या सोन की सतह
शामिल हैं।
चरण 4: यह प्रेशर सोर का सबसे खराब चरण है।
नुकसान मांसपेशियों तक और शायद हड्डियों तक
भी पहुंच चुका है। ड्रेनेज लगभग हमेशा उपस्थित
रहता है। गंभीर मामलों में अत्यधिक मवाद
हो सकता है।
देखरेख: अगर आपको बुखार है, देखें
कि हरा या पीला मवाद तो नहीं निकल रहा है और
घाव गरम है। आपको संक्रमण हो सकता है। जब
भी किसी प्रेशर सोर में कोई संक्रमण बनता है,
इर्दगिर्द के तमाम ऊतकों के भी संक्रमित होने
का खतरा हो जाता है। अगर ऐसा होता है
तो सेप्सिस (रक्त में जहर फैलने का एक प्रकार)
की आशंका हो जाती है। इलाज नहीं होने पर यह
मारक हो जाता है।
चौथे चरण के त्वचा सोर का मतलब कई हफ्ते तक
अस्पताल में इलाज है जिसके बाद हफ्तों तक बिस्तर
पर आराम करना होता है। अकसर उन्नत चरण में प्रेशर
सोर में आपरेशन या त्वचा के प्रतिरोपण (अकसर पैर से
त्वचा ली जाती है और प्रेशर सोर के इलाके में उसे
सी दिया जाता है) की आवश्यकता पड़ती है। इन
आपरेशनों में 100,000 डालर या उससे ज्यादे का खर्च
आ सकता है रोजमर्रा के जीवन से लंबे समय तक अलग
रहना पड़ सकता है।
डेक्यट्रानोमर मनके या नए हाइड्रोफिलिक
पोलीमर के चलते पुराने अल्सर में आपरेशन से पूरी तरह
बचा जा सकता है। ये बिना आपरेशन के जख्म भरने
की रफ्तार तेज करते हैं। वास्तव में, हाइड्रोफिलिक
जेल जैसे ढेर सारे टॉपिकल एजेंट और हाइड्रोकॉलाइड
ड्रेसिंग जैसी नई ड्रेसिंग उपलब्ध होती जा रही हैं
जो प्रेशर सोर के ठीक होने की प्रक्रिया में मदद
और उसकी गति तेज करती हैं।
इसके अतिरिक्त, कुछ नए तरह के इलाज हैं
जिनका व्यापक उपयोग नहीं हो रहा है, लेकिन
जिन्हें बहुत अच्छी सफलता मिली है। उनमें से एक
शून्यता की मदद से बंद करने का उपचार
कहा जाता है। वायु-रोधी या एयर टाइट फोम
ड्रेसिंग और वैकुअम पंप का उपयोग किया जाता है
जो घाव के इर्दगिर्द नकारात्मक दाब सृजित
करता है। यह रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और घाव
को भरने के लिए प्रोत्साहित करता है। एक अन्य
संभावना है जिसे इलेक्ट्रोथेरापी कहते हैं। इस तरीके
में, बिजली की एक बहुत ही सुक्षम धारा का प्रयोग
घाव भरने की गति तेज करने में किया जाता है।
चूंकि यह प्रेशर सोर का नया तरीका है,
आपको सही उपकरणों वाले प्रशिक्षित
लोगों की खोज करनी पड़ सकती है।
बुनियादी इलाज:
दाब राहत
घाव को सैलाइन घोल से सींचना
वजन को बार बार बदलना
विशेष सीट कुशन औरबिस्तर
ऊतक हटाने के लिए उपयुक्त व्हर्लपूल
टॉपिकल एंटीबायोटिक मलहम
जेल-फोम पट्टियां
हाइड्रोकॉलोयड पट्टियां
एंटीबायोटिक
डिब्रीडमेंट
त्वचा प्रतिरोपण
आपरेशन से सफाई
वैकुअम असिस्टेड क्लोजर थेरापी
इलेक्ट्रोथेरापी
यह ध्यान देना अहम है कि त्वचा के नियमित मुआइने
और सही उपकरण से त्वचा समस्याओं से लगभग
बिल्कुल बचा जा सकता है। विशेष बिस्तर, तोशक,
या सीट कुशन समेत दाब हटाने में मदद करने
वाली विविध सतहें बिस्तर पर या किसी कुर्सी पर
आपके शरीर को समर्थन देने के लिए उपलब्ध हैं।
बचाव
बचाव की पहली लाइन अपनी त्वचा की देखरेख के
प्रति जवाबदेह होना है। प्रेशर सोर के खतरों वाले
लोगों को त्वाचा के मुआइना का तरीका तैयार
करना चाहिए जिसपर रोजाना अमल
करना चाहिए। सीमित क्षमता वाले या बिस्तर तक
सीमित लोगों को केयरटेकर रोजाना मुआइना में
सहायता करें; व्हीलचेयर पर रहने वाले बच्चों के
अभिभावकों को उनकी त्वचा का मुआइना करना चाहिए।
नियमित रूप से समर्थन
सतहों का मुआइना करना भी यह सुनिश्चित करने के
लिए जरूरी है कि वे अच्छी हालत में हैं। इसका मतलब
अपने व्हीलचेयर, टायलेट, ऑटो-ट्रांसपोर्ट की सीट
और ऐसी तमाम सीट कुशन का मुआइना करना जिसे
दिन में आप इस्तेमाल करते हों। बाजार की सीट
प्रणालियों और कुशन के बारे में जानकारी पाने के
लिए किसी सीटिंग विशेषज्ञ से बात करें। इसके
अतिरिक्त, दाब से मुक्ति दिलाने वाली सोने
की सतहें हैं जो प्रेशर सोर से वजन हटा देती हैं।
प्रेशर सोर को जटिलताओं से बचाने के लिए भरपूर
विटामिन और खणिज वाले भोजन लेना आवश्यक है।
स्वस्थ भोजन त्वचा में दिखेगा; स्वस्थ
त्वचा रोजाना पेश आने वाले दाबों और
तनावों का ज्यादा अच्छे ढंग से सामना कर
सकती हैं। साथ ही, अगर कोई त्वचा क्षति हुई है,
रक्त में पोषक तत्वों की स्वस्थ आपूर्ति बहुत तेजी से
ठीक करेगी। प्रोटीन और एमिनो एसिड शरीर
को त्वचा, मांसपेशियां और हड्डियों को मजबूत
रखने में मदद करते हैं। और विटामिन सी तथा ई जैसे
विटामिन मरम्मत में त्वचा की मदद करते हैं।
व्हीलचेयर वाले लोगों को नियमित रूप से
मुद्रा बदलने की जरूरत पड़ती है। अगर कोई शरीर के
ऊपरी हिस्से का उपयोग करता है तो उसे अपने शरीर
को कुछ सेकंड के लिए व्हीलचेयर की सीट से
उठाना चाहिए। यह बैठने की जगह से
लगी त्वचा को दाब से कुछ देर के लिए
छुटकारा मिल जाता है जिसकी उसको बहुत जरूरत
होती है।
जिन लोगों के शरीर के ऊपरी हिस्से में
गतिशीलता नहीं होती है, उन्हें सहायता की जरूरत
पड़ती है। कुछ लोगों को व्हीलचेयर में टिल्ट
का उपयोग करने की जरूरत पड़ सकती है (पूरी सीट
टिल्ट कर दी जाती है लेकिन बैठने
की मुद्रा वही बनी रहती है)।
बिस्तर में पड़े व्यक्ति को हर एक या दो घंटे के बाद
हिलाना डुलाना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के
लिए अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत है
कि व्यक्ति को हिलाने-डुलाने में उसकी त्वचा में
खिंचाव नहीं आए।
बचाव के उपाय:
त्वचा अच्छी खुराक, बढि़या साफ-सफाई और
नियमित दाब मुक्ति से स्वस्थ रहती है। प्रथम,
त्वचा को साफ और सुखी रखें। पसीने या शरीर से
होने वाले रिसाव से गीली त्वचा के क्षतिग्रस्त
होने की आशंका ज्यादा होती है।
दिन भर कम से कम हर दो घंटे पर मुद्रा बदल कर दाब से
नियमित छुटकारा पाएं।
दिन में न्यूनतम एक बार अपनी त्वचा का मुआइना करें
और संवेदनशील इलाके पर ज्यादा ध्यान दें।
प्रोटीन, विटामिन और खणिजों से भरपूर संतुलित
आहार लें।
टूट-फूट जानने के लिए अपनी समर्थन सतहों और
उपकरणों की नियमित जांच करें।
धूम्रपान नहीं करें। यह रक्त वाहिकाओं को संकुचित
करता है और त्वचा को पोषकों की आपूर्ति बाधित
करता है। अनुसंधान से दिखा है कि धूम्रपान करने
वालों को त्वचा सोर ज्यादा होते हैं।
रोजाना कसरत आपकी त्वचा की ताकत और समग्र
सेहत बढ़ाती है।
बिस्तर और कपड़े बराबर बदलें।
त्वचा साफ करने के लिए गुनगुने पानी और हल्के
साबुन का उपयोग करें। गरम पानी तकलीफ
या नुकसान पहुंचा सकता है।
यथासंभव ब्रह्मचर्य का पालने करें और आद्रता कम
करें।
हड्डी वाले किसी भी इलाके में 'हॉट स्पॉट' पर
सीधे दबाव डालने से परहेज करें।
सुरक्षा पैडिंग और दाब घटाने में मदद करने वाले
तकिये जैसी चीजों का उपयोग करें।
ढेर सारा तरल लें। सूख रहा घाव या सोर हर दिन एक
क्वार्ट से ज्यादा पानी छोड़ सकता है।
रोजाना 8-12 कप
पानी पीना ज्यादा नहीं होगा। नोट: बीयर और
शराब नहीं गिनी जाती। वास्तव में अल्कोहल से
आप पानी खोते है या डिहाइड्रेटेड बनते हैं।
वजन में तेज इजाफा या कमी से बचें। यह सुनिश्चित
करें कि अगर आप अपने वजन या आकार में
बड़ा परिवर्तन कर रहे हैं तो अपने उपकरण में आवश्यक
फेरबदल कर लें।
वजन पर भी नजर रखें। बहुत दुबला होने से
आपकी हड्डी और त्वचा के बीच की पैडिंग घटती है
और हल्के से दाब से भी त्वचा क्षतिग्रस्त
हो सकती है। बहुत वजनी होने का भी खतरा है।
ज्यादा वजन का मतलब ज्यादा पैडिंग तो है, लेकिन
इसका मतलब ज्यादा दाब भी है।
प्रेशर सोर और उससे बचाव पर जानकारी हासिल
करना जारी रखें।
सक्रिय हों और जीवन का आनंद लें।
और नमनशील है और अपने नीचे के ऊतकों को हवा,
पानी, विदेशी पदार्थों और बैक्टीरिया से
बचाती है। यह चोट के प्रति संवेदनशील है और उसमें
अपनी मरम्मत करने की उल्लेखनीय क्षमता है।
बहरहाल, अपनी इस लोच के बावजूद त्वचा लंबे समय
तक दाब, अत्यधिक बल या घर्षण बरदाश्त नहीं कर
सकती।
त्वचा पर लगातार दाब त्वचा को पोषण और
आक्सीजन आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं
को निचोड़ देता है। जब त्वचा को बहुत समय तक
रक्त नहीं मिलता है तो ऊतक मर जाते हैं और एक
प्रेशर अल्सर बनता है।
प्रेशर अल्सर लकवाग्रस्त व्यक्ति के जीवनकाल में पेश
आने वाली एक प्रमुख जटिलता है। यह आकलन
किया गया है कि मिसाल के तौर पर
रज्जुमज्जा चोट वाले तीन में से एक व्यक्ति में चोट
आने के बाद के शुरुआती दिनों में प्रेशर सोर
हो जाता है जबकि 50 प्रतिशत और 80 प्रतिशत में
बाद में होता है। प्रेशर सोर से बचा जा सकता है
लेकिन यह उन लोगों में भी हो जा सकता है जिन्हें
बढि़या सेवा और अच्छे उपकरण दिए गए हैं। इन सोर
को ठीक होने में अकसर ढेर सारा समय, धन और
सेवा की जरूरत पड़ती है; प्रेशर सोर की वजह से
महीनों बिस्तर पर पड़े रहना पड़ सकता है, खास कर
तब जब यह आपरेशन के कारण हुआ हो। इसमें
हजारों डॉलर खर्च हो सकते हैं और इसमें
आपकी नौकरी, स्कूल या परिवार का मूल्यवान
समय खर्च हो सकता है।
प्रेशर सोर, प्रेशर अल्सर, बेड सोर, डेकुबिटी और
डेकुबाइटस अल्सर शब्द हैं जो त्वचा के एक क्षेत्र के
नष्ट होने को परिभाषित करते हैं जहां अत्यधिक
दाब या बल का प्रयोग हुआ हो। यह स्थिति एक तरह
से त्वचा और उसके नीचे के विभिन्न ऊतकों को हुई
क्षति है।
दाब के चलते त्वचा क्षति आम तौर पर शरीर में
वहां होती है जहां हड्डी त्वचा की सतह के बहुत
निकट होती है, जैसे कूल्हे। हड्डी के ये उभरे हुए हिस्से
त्वचा पर अंदर से दबाव डालते हैं। अगर बाहर भी कोई
सख्त सतह हो तो त्वचा प्रवाह से कट जाती है।
चूंकि प्रवाह की दर लकवा के कारण घट
चुकी होती है, त्वचा तक आक्सीजन कम पहुंचता है
और त्वचा का प्रतिरोध घटा देता है। शरीर
इसकी भरपाई क्षेत्र में अधिक रक्त भेज कर करने
की कोशिश करता है। इससे सूजन हो सकती है जिससे
रक्त वाहिकाओं पर और भी दबाव बढ़ सकता है और
त्वचा का स्वास्थ्य और भी खतरे में पड़ सकता है।
त्वचा पर फोड़ा का मतलब कई हफ्तों तक अस्पताल
में भर्ती रहना या बिस्तर पर आराम
करना हो सकता है ताकि फोड़ा ठीक हो सके।
जटिल प्रेशर सोर में आपरेशन या त्वचा के प्रतिरोपण
की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
किसको होता है प्रेशर सोर? किसी को भी प्रेशर
सोर हो सकता है अगर वह लंबे समय तक एक
ही मुद्रा में रहे जिससे शरीर के किसी खास हिस्से में
जबरदस्त दाब पड़े, और उनमें पूरी गतिशीलता वाले
लोग भी शामिल हैं। व्हीलचेयर पर या बिस्तर पर रहने
वाले लोगों को खास तौर पर हो सकता है
क्योंकि उन्हें अपनी मुद्रा बदलने में दिक्कत होती है,
या बिना किसी सहायता के भार दूसरी तरफ
नहीं डाल सकते। जब सीमित गतिशीलता के साथ
क्षीण संवेदना के संयोग होने पर
किसी व्यक्ति को प्रेशर सोर होने
की आशंका ज्यादा होती है क्योंकि वह यह समझ
नहीं पाता कि कब दबाव हटाने के लिए भार बदले।
संवेदना की कमी बस कहानी का एक ही हिस्सा है।
ट्रॉमा या रोग से संबंधित लकवा त्वचा के
जैवरसायन को ही प्रभावित करता है। मिसाल के
तौर पर, त्वचा को तनन शक्ति प्रदान करने वाले
कोलाजेन जैसे प्रोटीनों का खासा क्षरण होता है;
यह त्वचा को कमजोर और कम तन्य बनाता है।
कालप्रभाव की प्रक्रिया भी त्वचा के फटने
की प्रक्रिया बढ़ा सकती है। ज्यदा उम्र के लोगों में
प्रेशर सोर होने का खतरा ज्यादा होता है।
शरीर के हड्डी वाले उभरे हुए हिस्से (कूल्हे, तलवे और
कुहनी, टेलबोन और इश्चियम) के गिर्द
की मांसपेशियों के उपयोग नहीं किए जाने से
मांसपेशी का क्षरण (एट्रोफी) होता है जिससे
त्वचा के टूटने का खतरा बढ़ता है।
घर्षण का बल या कतरना -- किसी सतह के हिसाब
से त्वचा ऊतकों को घसीटा जाना, जैसे बिस्तर
या कुर्सी में खींचे जाने से रक्तवाहिकाएं फैल
या मुड़ जाती हैं जिससे प्रेशर अल्सर हो जाता है।
उठाने की जगह किसी सतह पर खिंचे जाने से छीलन
या खराश आ जा सकती हैं। कोई ठोकर लगने
या गिरने से त्वचा को क्षति पहुंच सकती है जो ऐसे
नहीं दिखेगी। प्रेशर सोर कपड़ों, बंधनों या सख्त
वस्तुओं से भी हो सकती है जो आपकी त्वचा पर
दबाव डालती हैं। साथ ही, सीमित संवेदना वाले
लोग जलने से त्वचा क्षति के शिकार हो सकते हैं।
अत्यधिक आद्रता भी ऐसे लोगों में प्रेशर सोर होने
का कारण जो सकते हैं जिन्हें पसीना बहुत
निकलता है और/या जो व्यवभिचारी हैं।
पोषण: खराब पोषण किसी व्यक्ति के समग्र
स्वास्थय के लिए खतरा बनता है, लेकिन लकवाग्रस्त
व्यक्ति में प्रेशर सोर के विकास होने और उसके बहुत
धीमी रफ्तार से ठीक होने का खतरा होता है।
शरीर को त्वचा को स्वस्थ रखने,
किसी क्षति को दुरूस्त करने और संक्रमणों से लड़ने के
लिए प्रोटीन और विटामिन जैसे विभिन्न
पोषकों की आवश्यकता पड़ती है। पोषक तत्वों से
वंचित शरीर की प्रेशर सोर जैसी जटिलताओं को दूर
रखने की क्षमता सीमित होती है।
वजन की समस्यास: सामान्य से ज्यादा वजन वाले
लोगों में प्रेशर सोर होने
का खतरा ज्यादा होता है; सामान्य से कम वजन
वाले लोगों के लिए भी ज्यादा खतरा होना संभव
है। सामान्य से ज्यादा वजन वाले व्यक्ति के लिए
अतिरिक्त वजन शरीर को त्वचा के संवेदनशील हिस्से
पर दाब बढ़ाने के लिए बाध्य करता है। मांसपेशी और
बॉडी मास को आप पैड की तरह सोच सकते हैं,
उसकी कमी तनाव के प्रति त्वचा को कम
लचीला बनाती है।
प्रेशर सोर के खतरों को बढ़ाने वाले अन्य कारकों में
खराब स्वास्थ्य, डिहाइड्रेशन, खराब साफ-सफाई,
धूम्रपान, एनिमिया, डायबीटीज जैसी गंभीर
बीमारियां, संवहनी रोग, मस्तिष्क-संस्तम्भता,
खराब उपकरण, नशाखोरी और अवसाद शामिल हैं।
चिकित्सा साहित्य बताता है कि अवसादग्रस्त
लोग त्वचा स्वास्थ्य जैसे अपनी देखरेख के महत्वपूर्ण
मुद्दों के प्रति कम सजग होते हैं।
प्रेशर सोर के प्रकार: प्रेशर सोर को उनकी गहराई
और आकार और ऊतक
स्तरों को क्षति की गंभीरता के आधार पर चार
चरणों में श्रेणीबद्ध किया गया है। ये चरण हैं: चरण 1
(आरंभिक लक्षण), चरण 2 (फफोले और कभी-
कभी मूंह खुलना या अल्सर), चरण 3 (क्षति ऊतक के
अंदर गहराई तक पैठ जाती है) और चरण 4
(क्षति मांसपेशी तथा हड्डी तक)।
चरण 1: लगभग हमेशा कोई प्रेशर सोर त्वचा पर एक
लाल धब्बे की तरह शुरू होता है। यह लाल
इलाका सख्त और/या गरम महसूस हो सकता है।
काली या सांवली चमड़ी वाले लोगों को यह
इलाका चमकीला या औसत से ज्यादा गहरा प्रतीत
होगा। इस चरण में ऊतकों में टूट दुरुस्त
की जा सकती है; जैसे ही दाब
हटाया जाएगा त्वचार सामान्य स्थिति में लौट
जाएगी।
देखरेख: दाब के किसी भी स्रोत को हटाएं।
प्रभावित क्षेत्र को गरम पानी से साफ करें और
सुखा रखें। जब तक इसका रंग बदला रहे, इससे
किसी तरह का भी दाब हटा कर त्वचा को पूर्ण
बहाली का मौका दें। अगर प्रेशर सोर बैठने वाले
इलाके में हो, व्यक्ति को जहां तक संभव हो बैठने से
परहेज करना चाहिए। कारण जानने के लिए बैठने और
बिस्तर समर्थन प्रणाली का पूरा मुआइना करें। ढेर
सारा तरल लें, आराम करें और संतुलित एवं पोषक
आहार लें। त्वचा को साफ और
सूखा रखना नहीं भूलें। और अपनी त्वचा का बार-
बार मुआइना करें। अगर कुछ दिनों में प्रेशर सोर ठीक
नहीं हुआ या और बिगड़ गया तो अपने डाक्टर से
संपर्क करें।
चरण 2: प्रेशर सोर ने कोई फफोला या खुरंड
बना दिया है और/या त्वचा की सतह में उसका मुंह
खुलना शुरू हो गया हो। संभवत: कुछ मवाद
भी निकलने लगा हो। इसका मतलब है कि उसके नीचे
के ऊतक के मरने की शुरूआत हो गई है। अगतर तुरंत दाब
नहीं हटाया गया और त्वचा क्षेत्र पर ध्यान
नहीं दिया गया तो प्रेशर सोर बहुत तेजी के साथ
एक खतरनाक स्तर तक बढ़ जाएगा जहां संक्रमण
हड्डी पर हमला कर सकता है और आपके स्वास्थ्य के
लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
देखरेख: क्षेत्र से तमाम दाब हटा दें। अपने डाक्टर से
संपर्क करें। घाव को साफ और शुष्क रखें और
त्वचा का बार-बार मुआइना करें। स्वास्थ्य
सेवा प्रदाता के निर्देशों का पालन करें जिसमें घाव
भरने के लिए विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्र को नमक
घोल से साफ करने और विशेष पट्टी बांधने
को कहा जाता है।
चरण 3: प्रेशर सोर के इस चरण तक मृत ऊतक में छिद्र
या अल्सर बन जाता है। क्षत ऊतक सबक्युटेनस
या त्वचा ऊतक के तीसरे तह तक पहुंच जाता है और
उसके बाद हड्डी तक भी पहुंच सकता है।
देखरेख: चरण 1 और 2 के निर्देशों का ही पालन करें।
आम तौर पर इस चरण में विशेषज्ञता वाले इलाज
की जरूरत पड़ती है। इसमें अकसर डिब्राइडमेंट
या आपरेशन से मृत ऊतकों को निकालने और घाव से
बाहरी पदार्थ हटाने की आवश्यकता पड़ती है। इसके
बाद की देखरेख में विशेष पैकिंग एजेंट, मेडिकेटेड
क्रीम, एंटी बायटिक्स दवाएं और दाब हटाने के लिए
और भी विशेष प्रकार के बैठने या सोन की सतह
शामिल हैं।
चरण 4: यह प्रेशर सोर का सबसे खराब चरण है।
नुकसान मांसपेशियों तक और शायद हड्डियों तक
भी पहुंच चुका है। ड्रेनेज लगभग हमेशा उपस्थित
रहता है। गंभीर मामलों में अत्यधिक मवाद
हो सकता है।
देखरेख: अगर आपको बुखार है, देखें
कि हरा या पीला मवाद तो नहीं निकल रहा है और
घाव गरम है। आपको संक्रमण हो सकता है। जब
भी किसी प्रेशर सोर में कोई संक्रमण बनता है,
इर्दगिर्द के तमाम ऊतकों के भी संक्रमित होने
का खतरा हो जाता है। अगर ऐसा होता है
तो सेप्सिस (रक्त में जहर फैलने का एक प्रकार)
की आशंका हो जाती है। इलाज नहीं होने पर यह
मारक हो जाता है।
चौथे चरण के त्वचा सोर का मतलब कई हफ्ते तक
अस्पताल में इलाज है जिसके बाद हफ्तों तक बिस्तर
पर आराम करना होता है। अकसर उन्नत चरण में प्रेशर
सोर में आपरेशन या त्वचा के प्रतिरोपण (अकसर पैर से
त्वचा ली जाती है और प्रेशर सोर के इलाके में उसे
सी दिया जाता है) की आवश्यकता पड़ती है। इन
आपरेशनों में 100,000 डालर या उससे ज्यादे का खर्च
आ सकता है रोजमर्रा के जीवन से लंबे समय तक अलग
रहना पड़ सकता है।
डेक्यट्रानोमर मनके या नए हाइड्रोफिलिक
पोलीमर के चलते पुराने अल्सर में आपरेशन से पूरी तरह
बचा जा सकता है। ये बिना आपरेशन के जख्म भरने
की रफ्तार तेज करते हैं। वास्तव में, हाइड्रोफिलिक
जेल जैसे ढेर सारे टॉपिकल एजेंट और हाइड्रोकॉलाइड
ड्रेसिंग जैसी नई ड्रेसिंग उपलब्ध होती जा रही हैं
जो प्रेशर सोर के ठीक होने की प्रक्रिया में मदद
और उसकी गति तेज करती हैं।
इसके अतिरिक्त, कुछ नए तरह के इलाज हैं
जिनका व्यापक उपयोग नहीं हो रहा है, लेकिन
जिन्हें बहुत अच्छी सफलता मिली है। उनमें से एक
शून्यता की मदद से बंद करने का उपचार
कहा जाता है। वायु-रोधी या एयर टाइट फोम
ड्रेसिंग और वैकुअम पंप का उपयोग किया जाता है
जो घाव के इर्दगिर्द नकारात्मक दाब सृजित
करता है। यह रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और घाव
को भरने के लिए प्रोत्साहित करता है। एक अन्य
संभावना है जिसे इलेक्ट्रोथेरापी कहते हैं। इस तरीके
में, बिजली की एक बहुत ही सुक्षम धारा का प्रयोग
घाव भरने की गति तेज करने में किया जाता है।
चूंकि यह प्रेशर सोर का नया तरीका है,
आपको सही उपकरणों वाले प्रशिक्षित
लोगों की खोज करनी पड़ सकती है।
बुनियादी इलाज:
दाब राहत
घाव को सैलाइन घोल से सींचना
वजन को बार बार बदलना
विशेष सीट कुशन औरबिस्तर
ऊतक हटाने के लिए उपयुक्त व्हर्लपूल
टॉपिकल एंटीबायोटिक मलहम
जेल-फोम पट्टियां
हाइड्रोकॉलोयड पट्टियां
एंटीबायोटिक
डिब्रीडमेंट
त्वचा प्रतिरोपण
आपरेशन से सफाई
वैकुअम असिस्टेड क्लोजर थेरापी
इलेक्ट्रोथेरापी
यह ध्यान देना अहम है कि त्वचा के नियमित मुआइने
और सही उपकरण से त्वचा समस्याओं से लगभग
बिल्कुल बचा जा सकता है। विशेष बिस्तर, तोशक,
या सीट कुशन समेत दाब हटाने में मदद करने
वाली विविध सतहें बिस्तर पर या किसी कुर्सी पर
आपके शरीर को समर्थन देने के लिए उपलब्ध हैं।
बचाव
बचाव की पहली लाइन अपनी त्वचा की देखरेख के
प्रति जवाबदेह होना है। प्रेशर सोर के खतरों वाले
लोगों को त्वाचा के मुआइना का तरीका तैयार
करना चाहिए जिसपर रोजाना अमल
करना चाहिए। सीमित क्षमता वाले या बिस्तर तक
सीमित लोगों को केयरटेकर रोजाना मुआइना में
सहायता करें; व्हीलचेयर पर रहने वाले बच्चों के
अभिभावकों को उनकी त्वचा का मुआइना करना चाहिए।
नियमित रूप से समर्थन
सतहों का मुआइना करना भी यह सुनिश्चित करने के
लिए जरूरी है कि वे अच्छी हालत में हैं। इसका मतलब
अपने व्हीलचेयर, टायलेट, ऑटो-ट्रांसपोर्ट की सीट
और ऐसी तमाम सीट कुशन का मुआइना करना जिसे
दिन में आप इस्तेमाल करते हों। बाजार की सीट
प्रणालियों और कुशन के बारे में जानकारी पाने के
लिए किसी सीटिंग विशेषज्ञ से बात करें। इसके
अतिरिक्त, दाब से मुक्ति दिलाने वाली सोने
की सतहें हैं जो प्रेशर सोर से वजन हटा देती हैं।
प्रेशर सोर को जटिलताओं से बचाने के लिए भरपूर
विटामिन और खणिज वाले भोजन लेना आवश्यक है।
स्वस्थ भोजन त्वचा में दिखेगा; स्वस्थ
त्वचा रोजाना पेश आने वाले दाबों और
तनावों का ज्यादा अच्छे ढंग से सामना कर
सकती हैं। साथ ही, अगर कोई त्वचा क्षति हुई है,
रक्त में पोषक तत्वों की स्वस्थ आपूर्ति बहुत तेजी से
ठीक करेगी। प्रोटीन और एमिनो एसिड शरीर
को त्वचा, मांसपेशियां और हड्डियों को मजबूत
रखने में मदद करते हैं। और विटामिन सी तथा ई जैसे
विटामिन मरम्मत में त्वचा की मदद करते हैं।
व्हीलचेयर वाले लोगों को नियमित रूप से
मुद्रा बदलने की जरूरत पड़ती है। अगर कोई शरीर के
ऊपरी हिस्से का उपयोग करता है तो उसे अपने शरीर
को कुछ सेकंड के लिए व्हीलचेयर की सीट से
उठाना चाहिए। यह बैठने की जगह से
लगी त्वचा को दाब से कुछ देर के लिए
छुटकारा मिल जाता है जिसकी उसको बहुत जरूरत
होती है।
जिन लोगों के शरीर के ऊपरी हिस्से में
गतिशीलता नहीं होती है, उन्हें सहायता की जरूरत
पड़ती है। कुछ लोगों को व्हीलचेयर में टिल्ट
का उपयोग करने की जरूरत पड़ सकती है (पूरी सीट
टिल्ट कर दी जाती है लेकिन बैठने
की मुद्रा वही बनी रहती है)।
बिस्तर में पड़े व्यक्ति को हर एक या दो घंटे के बाद
हिलाना डुलाना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के
लिए अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत है
कि व्यक्ति को हिलाने-डुलाने में उसकी त्वचा में
खिंचाव नहीं आए।
बचाव के उपाय:
त्वचा अच्छी खुराक, बढि़या साफ-सफाई और
नियमित दाब मुक्ति से स्वस्थ रहती है। प्रथम,
त्वचा को साफ और सुखी रखें। पसीने या शरीर से
होने वाले रिसाव से गीली त्वचा के क्षतिग्रस्त
होने की आशंका ज्यादा होती है।
दिन भर कम से कम हर दो घंटे पर मुद्रा बदल कर दाब से
नियमित छुटकारा पाएं।
दिन में न्यूनतम एक बार अपनी त्वचा का मुआइना करें
और संवेदनशील इलाके पर ज्यादा ध्यान दें।
प्रोटीन, विटामिन और खणिजों से भरपूर संतुलित
आहार लें।
टूट-फूट जानने के लिए अपनी समर्थन सतहों और
उपकरणों की नियमित जांच करें।
धूम्रपान नहीं करें। यह रक्त वाहिकाओं को संकुचित
करता है और त्वचा को पोषकों की आपूर्ति बाधित
करता है। अनुसंधान से दिखा है कि धूम्रपान करने
वालों को त्वचा सोर ज्यादा होते हैं।
रोजाना कसरत आपकी त्वचा की ताकत और समग्र
सेहत बढ़ाती है।
बिस्तर और कपड़े बराबर बदलें।
त्वचा साफ करने के लिए गुनगुने पानी और हल्के
साबुन का उपयोग करें। गरम पानी तकलीफ
या नुकसान पहुंचा सकता है।
यथासंभव ब्रह्मचर्य का पालने करें और आद्रता कम
करें।
हड्डी वाले किसी भी इलाके में 'हॉट स्पॉट' पर
सीधे दबाव डालने से परहेज करें।
सुरक्षा पैडिंग और दाब घटाने में मदद करने वाले
तकिये जैसी चीजों का उपयोग करें।
ढेर सारा तरल लें। सूख रहा घाव या सोर हर दिन एक
क्वार्ट से ज्यादा पानी छोड़ सकता है।
रोजाना 8-12 कप
पानी पीना ज्यादा नहीं होगा। नोट: बीयर और
शराब नहीं गिनी जाती। वास्तव में अल्कोहल से
आप पानी खोते है या डिहाइड्रेटेड बनते हैं।
वजन में तेज इजाफा या कमी से बचें। यह सुनिश्चित
करें कि अगर आप अपने वजन या आकार में
बड़ा परिवर्तन कर रहे हैं तो अपने उपकरण में आवश्यक
फेरबदल कर लें।
वजन पर भी नजर रखें। बहुत दुबला होने से
आपकी हड्डी और त्वचा के बीच की पैडिंग घटती है
और हल्के से दाब से भी त्वचा क्षतिग्रस्त
हो सकती है। बहुत वजनी होने का भी खतरा है।
ज्यादा वजन का मतलब ज्यादा पैडिंग तो है, लेकिन
इसका मतलब ज्यादा दाब भी है।
प्रेशर सोर और उससे बचाव पर जानकारी हासिल
करना जारी रखें।
सक्रिय हों और जीवन का आनंद लें।