गैस की समस्या का इलाज :- दोस्तों कई बार ऐसा होता है कि ज्यादा भूखा रहने से या ज्यादा तला हुआ या भुना हुआ है अथवा तेज मिर्च मसाले वाला खाना खाने से आपको पेट में गैस की और पेट फूलने की प्रॉब्लम हो जाती है अगर आपको भी यह प्रॉब्लम है तो इस से तुरंत राहत पाने के लिए इस पोस्ट में कुछ उपाय दिए जा रहे हैं, जिनको आप पढ़ लें इससे आपको इन घरेलू नुस्खों से कुछ ही मिनटों में गैस की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा. साथ ही अगर यह पोस्ट आपको पसंद आए तो कृपया इसे अपने Facebook Profile पर जरूर शेयर करें जिससे दूसरे भाई बहन भी इसका लाभ उठा सकें.
Thursday, 5 January 2017
Wednesday, 4 January 2017
पोलियो के कारण, प्रभाव और टीकाकरण
पोलियो रोग का कारण
पोलियोमायलाइटिस रोग _ Poliomyelitis पोलियो विषाणु के संक्रमण के कारण होता है। यह वायरस व्यक्ति के संपर्क से, नाक या मुँह और संक्रमित बच्चे का आम तौर पर दूषित पानी के माध्यम से, संक्रमित मल के साथ संपर्क से, संक्रमित बलगम के साथ संपर्क के माध्यम से फैलता है।
पोलियो के लक्षण
बुख़ार, सिरदर्द, जीमिचलाना, गले में ख़राश, उल्टी, थकान, गर्दन, पीठ, हाथ या पैर में दर्द या जकड़न, मांसपेशियों में कमज़ोरी का महसूस होना यह सारे पोलियो के लक्षण है। इसके गंभीर लक्षणों में दिमागी बुख़ार (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के संक्रमण) और पैर या हाथ का अपरिवर्तनीय परिवर्तन शामिल हैं।
ये अधिकांश लक्षण वायरल फ़्लू के भी हो सकते हैं, इसलिए अगर आपके शिशु को ऐसे लक्षण हों, तो डॉक्टर से ज़रूर सम्पर्क करें।
नसों में होने वाले दर्द का इलाज
कैसे नसों में होने वाले दर्द का इलाज़ करें
गर्दन, पीठ, हाथ या शरीर के किसी अन्य हिस्से की नस के दबने से होने वाला दर्द थोडा पीड़ादायक होता है | इससे आपके रोज़मर्रा के कामों में भी बाधा आ सकती है | जब चारों ओर उपस्थित ऊतक जैसे हड्डियाँ, कार्टिलेज, टेंडॉन्स या मांसपेशियां, नस को असामान्य रूप से दबाती हैं या फंस जाती हैं तब नस दबने पर दर्द होता है | चाहे आप खुद इसका इलाज घर पर करें या डॉक्टर की मदद लें, लेकिन नसों में होने वाले दर्द का इलाज़ करने की जानकारी आपको पूरी तरह से ठीक होने और दर्द का सामना करने में मदद करेगी |
नसों में होने वाले दर्द से घर पर तुरंत आराम पायें
-
1नस दबने की या नसों में होने वाले दर्द की पहचान करें: जब कोई नस किसी प्रकार से क्षतिग्रस्त हो जाती है और अपने पूरे सिग्नल भेजने में असमर्थ हो जाती है तब नस में दर्द होता है | यह नस के दबने के कारण होता है जो हर्नियेटेड डिस्क, आर्थराइटिस या बोन स्पर (bone spur) के कारण हो सकता है | चोट लगने, गलत तरीके के पोस्चर से, बार-बार की गतिविधियों से, खेल और मोटापे जैसी स्थितियों और गतिविधियों से भी नसों में दर्द हो सकता है | पूरे शरीर में किसी भी जगह की नस दबाने से पीड़ा हो सकती है लेकिन ये आमतौर पर रीढ़ (स्पाइन), गर्दन, कलाई और कोहनियों में पाई जाती है |
- इन स्थितियों के कारण सूजन आ जाती है जो आपकी नसों को संकुचित कर देती है और इससे नस दबने से दर्द होने लगता है |
- पोषक तत्वों की कमी और कमज़ोर स्वास्थ्य नस दबने के दर्द को और बढ़ा देते हैं |
- केस की गंभीरता के आधार पर यह स्थिति परिवर्तनीय (रिवर्सेबल) या अपरिवर्तनीय (इर्रेवेर्सिबल) हो सकती है |
स्वस्थ्य रहने के उपाय
आधुनिक जीवन शैली की तेज रफ्तार एवं भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत का विषय बहुत पीछे रह गया है और नतीजा यह निकला की आज हम युवावस्था में ही ब्लड प्रेशर,डायबिटीज, ह्रदय रोग, कोलेस्ट्रोल, मोटापा, गठिया, थायरॉइड जैसे रोगों से पीड़ित होने लगे हैं जो कि पहले प्रोढ़ावस्था एवं व्रद्धावस्था में होते थे और इसकी सबसे बड़ी वजह है खान पान और रहन सहन की गलत आदतें, आओ हम सेहत के इन् नियमों का पालन करके खुद भी स्वस्थ रहे तथा परिवार को भी स्वस्थ रखते हुए अन्य लोगों को भी अच्छे स्वास्थय के लिए जागरूक करें ताकि एक स्वस्थ एवं मजबूत समाज और देश का निर्माण हो,क्योंकि कहा भी गया है-पहला सुख निरोगी काया l
भोजन हो संतुलित- घी,तैल से बनी चीजें जैसे पूड़ी,पराँठे,छोले भठूरे,समोसे कचौड़ी,जंक फ़ूड,चाय,कॉफी ,कोल्ड ड्रिंक का ज्यादा सेवन सेहत के लिए घातक है इनका अधिक मात्रा में नियमित सेवन ब्लड प्रेशर ,कोलेस्ट्रोल,मधुमेह,मोटापा एवं हार्ट डिजीज का कारण बनता है तथा पेट में गैस,अल्सर,ऐसीडिटी,बार बार दस्त लगना,लीवर ख़राब होना जैसी तकलीफें होने लगती हैं इनकी बजाय खाने में हरी सब्जियां,मौसमी फल,दूध,दही,छाछ,अंकुरित अनाज और सलाद को शामिल करना चाहिए जो की विटामिन,खनिज लवण,फाइबर,एव जीवनीय तत्वों से भरपूर होते हैं और शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं l
चीनी एवं नमक का अधिक मात्रा में सेवन ना करें,ये डायबिटीज,ब्लड प्रेशर,ह्रदय रोगों का कारण हैं l
बादाम,किशमिश,अंजीर,अखरोट आदि मेवा सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं इनका सेवन अवश्य करें
पानी एवं अन्य लिक्विड जैसे फलों का ताजा जूस,दूध,दही,छाछ,नींबू पानी,नारियल पानी का खूब सेवन करें,इनसे शरीर में पानी की कमी नहीं हो पाती,शरीर की त्वचा एवं चेहरे पर चमक आती है,तथा शरीर की गंदगी पसीने और पेशाब के दवारा बाहर निकल जाती है l
व्यायाम का करें नियमित अभ्यास– सूर्योदय से पहले उठकर पार्क जाएं,हरी घास पर नंगे पैर घूमें,दौड़ लगाएं,वाक करें,योगा,प्राणायाम करें,इन उपायों से शरीर से पसीना निकलता है,माँस पेशियों को ताकत मिलती है,शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है,अनेक शारीरिक एवं मानसिक रोगों से बचाव होता है,पूरे दिन भर बदन में चुस्ती फुर्ती रहती है,भूख अच्छी लगती है इसलिए नियमित रूप से व्यायाम अवश्य करें l
गहरी नींद भी है जरुरी -शरीर एवं मन को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन लगभग 7 घंटे की गहरी नींद एक वयस्क के लिए जरुरी है,लगातार नींद पूरी ना होना तथा बार बार नींद खुलना,अनेक बीमारियों का कारण बनता हैl
अच्छी नींद के लिए ये उपाय करें- सोने का कमरा साफ सुथरा,शांत एवं एकांत में होना चाहिए,रात को अधिकतम 10-11 बजे तक सो जाना और सुबह 5-6 बजे तक उठ जाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है,सोने से पहले शवासन करने से अच्छी नींद आती है,खाना सोने से 2-3 घंटे पहले कर लेना चाहिए एवं शाम को खाना खाने के बाद 20-25 मिनट अवश्य घूमें l
टेंशन को कहें बाय बाय – रोज मर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्यों के लिए चिंतन करना सही है चिंता करना नहीं,चिता तो फिर भी मरने के बाद शरीर को जलाती है किन्तु लगातार अनावश्यक चिंता जीते जी शरीर को जला देती है इसलिए तनाव होने पर भाई,बंधू एवं विश्वास पात्र मित्रों से सलाह मश्वरा करें यदि समस्या फिर भी ना सुलझे तो विशेषज्ञ से राय लें l
नशे से रहें बच के- यूवा पीढ़ी के लिए कोई सबसे खतरनाक बीमारी है तो वो है नशे के जाल में फँसना,शराब,धूम्रपान,तम्बाकू ये सब सेहत के दुश्मन हैं,किसी भी स्थिति में नशे की लत से बचें,यदि नशे से बचे हुए हैं तो बहुत अच्छा किन्तु,यदि कोई नशा करते हैं तो जितनी जल्दी नशे से दुरी बना लें उतना ही अच्छा है,ये ऐसी बीमारी है जो कैंसर और एड्स से भी ज्यादा खतरनाक है और एकसाथ कई परिवारों को बर्बाद करती है तथा शारीरिक,मानसिक,आर्थिक एवं सामाजिक प्रतिष्ठा के नाश का कारण बनती है,इसलिए नशे से बचना ही बेहतर उपाय है l
Subscribe to:
Posts (Atom)