Thursday, 11 December 2014

वजन घटाने मे मददगार होती है 5 प्रकार की चाय


भारत में चायके दीवानों की कमी नहीं है। कुछ लोग चाय पीने की आदत को अच्छा तो नहीं मानते, लेकिन चाय पीना उनके जीवन में किसी अनिवार्य काम से कम भी नहीं है। चाय के फायदे और नुकसान पर अक्सर बहस होती है। ऐसा नहीं कि चाय के सिर्फ नुकसान ही हैं, उसके कई फायदे भी हैं। आइए जानते हैं विभिन्न प्रकार की चाय के फायदे, जो वजन घटाने में मददगार हैं।

वैज्ञानिक शोध के अनुसार कुछ खास प्रकार की चाय में ऐसे तत्व होते हैं, जो आपकी सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं। ये 5 प्रकार की चाय हैं, जो आपको दुबला कर सकती हैं।

वह पेय जिससे आपको ऊर्जा और ताजगी मिलती है, वजन कम करने में भी आपकी मदद कर सकती है। यह तो आमतौर पर सभी जानते हैं कि एक कप चाय हर रोज आपको दिल के दौरे, गठिया, दांत क्षय और यहां तक कि कैंसर को भी आपसे दूर रखती है।

चिंता को दूर करने के गुण के अलावा, (यह इसमें होने वाले कुछ खास तत्वों के कारण होता है) यह वजन को कम करने में बहुत कारगर हैं। यह 5 प्रकार की चाय हैं, जो आपको स्लिम कर देंगी।

स्टार अनिस टी : स्टार अनिस चाय पाचनक्रिया को सुधारती है। यह चाय चीन में पूरे साल फलने वाले पौधे के फल से बनती है। इस चाय का उपयोग पाचन संबंधी बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है, जैसे पेट खराब होना, दस्त और उल्टी होने पर। यह चाय एक पूरी फली को गर्म पानी में 10 मिनिट तक डालकर बना सकते हैं। पानी को छान लें और अगर आप इसे मीठा पीना चाहते हैं तो इसमें शकर या शहद मिला लें और छोटे-छोटे घूंट ले-लेकर इसे पिएं। आपको पेट संबंधी बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा।

पीपरमेंट टी (पुदीने का अर्क) : अगर आपको पीपरमेंट चाय पसंद है तो आप इसे ग्रीन टी के बदले कभी-कभी बदलकर पी सकते हैं। दोनों ही चाय पाचन को सुधारने में बहुत फायदेमंद है। पीपरमेंट के पत्तों का इस्तेमाल इस चाय को बनाने में किया जाता है। इसे गर्म या ठंडा पिया जा सकता है। इसे बनाने के लिए एक चम्मच ताजा या सूखी हुई पत्ती को उबलते हुए पानी में डाल दीजिए। इन्हें पानी में 4 से 5 मिनट के लिए रहने दीजिए और फिर छानकर चाहें तो शहद मिलाकर पीजिए।

ग्रीन टी : शोध के हिसाब से इस चाय में पाया जाने वाला रसायन EGCG शरीर के मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है, जो कि शरीर से वजन कम करने का काम करता है। यह एक दिन में करीब 70 कैलोरी तक कर देता है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट केटेचिंस होता है, जो कि मेटाबोलिज्म बढ़ाता है और चर्बी को घटाता है। यह चाय 85 डिग्री सेल्सियस पर करीब 2 से 3 मिनट में तैयार हो जाती है।

रोजटी: रोज टी सबसे पुराने स्वाद में पाई जाने वाली चाय में से एक है। इसे ताजा गुलाब और कलियों से बनाया जाता है। यह शरीर के लिए एक थैरेपी की तरह है। यह न केवल शरीर में मौजूद जहरीले तत्वों को दूर करके त्वचा को सुन्दर बनाता है बल्कि इसमें विटामिन A, B3, C, D और E होते हैं, साथ ही साथ ये संक्रमणों से भी निजात दिलाता है।

ओलोंग टी (Oolong Tea) : शोध से खुलासा होता है कि अोलोंग टी, थोड़ा खमीर उठाने की प्रक्रिया से तैयार होती है। यह ग्रीन टी से ज्यादा कारगर होती है। यह चाय चर्बी जलाती है और कोलेस्ट्रोल और शरीर में घुली हुई चर्बी को कम करती है। वजन कम करने के लिए रोज 2 कप ओलोंग चाय पीने की सलाह दी जाती है। 

सर्दियो मे कैसे बचे सर्दी से....

सर्दियों में जुकाम दुनियाभर के लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे आम बीमारी है। 100 से भी ज्यादा वायरस ऐसे हैं, जो इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं और यह बहुत आसानी से फैलता है। इसलिए जुकाम फैलाने वाले वायरसों के संक्रमण से बचना काफी मुश्किल हो जाता है। शरीर में पहुंचने के बाद ये वायरस संख्या में बढ़ना शुरू होते हैं, जिससे ये लक्षण दिखाई देना शुरू होते हैं।

- गले में खराश, छींके एवं नाक बहना।

- आंखों से पानी निकलना।

- बदन दर्द एवं खांसी।

- सांस लेने में परेशानी या हल्का बुखार आने जैसे कई लक्षण सामने आते हैं।

आमतौर पर जुकाम 1-2 हफ्तों में ठीक हो जाता है। चिकित्सकों का मानना है कि इसके वायरस की उम्र 7 दिन की होती है। आमतौर पर यह किसी औषधि से नहीं मरता। औषधियां केवल लक्षणों को ठीक करने के लिए दी जाती हैं। यह कहावत बहुत आम है कि जुकाम दवाएं खाएं तब भी 7 दिन में ठीक होता है और नहीं खाएं तब भी एक हफ्ते में ठीक होता है।

क्या करें..

सर्दी होने पर अनावश्यक मेहनत से बचना चाहिए। रूटीन के काम कर सकते हैं, लेकिन इस दौरान धूल और धूएं से बचना चाहिए, नहीं तो हालत बिगड़ सकती है। भरपूर आराम के साथ ही पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेना चाहिए, विशेषकर फलों का रस जरूर लें। जुकाम के कारण पाचन तंत्र भी निष्क्रिय पड़ जाता है, इसलिए हल्के, सुपाच्य खाद्य पदार्थ थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लें। कफ सिरप आदि दवाओं से लक्षणों में राहत मिल सकती है, लेकिन ये जुकाम का बचाव या इलाज नहीं होता है, न ही इनसे बीमारी जल्दी ठीक होती है।

सर्दी-जुकाम से बचने के लिए फिलहाल कोई टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन बीमार न पड़ें, इसके लिए कुछ उपाय जरूर किए जा सकते हैं। अपने आहार की ओर ध्यान दें, प्रतिदिन ऐसा आहार लें, जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व मौजूद हों, पर्याप्त नींद लें और व्यायाम भी करें। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता दुरुस्त रहेगी।

बच्चों और बुजुर्गों को हीटर के सामने नहीं बैठना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा रुखी होकर फट सकती है। त्वचा की दरारों के जरिए संक्रमण शरीर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं।

बन्टी चन्द्रसेन